अनहद
Saturday, 1 September 2012
कविता मेरे एकांत का प्रवेश द्वार है .
कविता मेरे एकांत का प्रवेश द्वार है . यहाँ मै वह होता हूँ जो मैं हूँ . यहाँ होने के लिए मुझे कोई प्रयास नहीं करना पड़ता यहीं आकर मै सुस्ताता हूँ घड़ी भर जिन्दगी की जद्दो जेहद से हार थक कर
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