हाँ दोषी हैं प.नेहरू,मगर किसके?तब सुनिए जरा
कश्मीर के शेख अब्दुल्लाह को वर्षों जेल में डालकर सड़ाया था नेहरू ने जब उसने भारत के खिलाफ आंख उठाया और अपना मनमानी करने लगा।
ओबैसी खानदान के आका और हिंदुओं को हैदराबाद में कत्ल करवाने वाले गद्दार कासिम रिजवी को भी प.नेहरू ने आजादी के बाद लगभग 10 साल तक जेल में डालकर सड़ा दिया था और अंत मे वह गद्दार पाकिस्तान चला गया और फिर कासिम रिजवी पाकिस्तान जाते वक्त ओबैसी के पिता को अपने संगठन का मुखिया बना दिया और आज ओबैसी उसी संगठन से सांसद हैं।
मतलब कासिम रिजवी ने अपने गुलामों को जाते वक्त अपना संगठन खैरात या इनाम में बांटकर गया।जिस तरीके से हिंदुओं का कत्ल ओबैसी खानदान की मदद से हैदराबाद में कासिम रिजवी ने अपने रजाकारों द्वारा करवाया था उसकी एक झलक ओबैसी के भाई के बयानों में मिलता है जिसमें उसने कहा था कि
"ऐ हिंदुस्तान 15 मिनट के लिए पुलिस हटा लो,तब 100 करोड़ के साथ क्या होता है देख लेना"।
ओबैसी के पिता यदि रिजवी के नजदीक न होते तब रिजवी उन्हें अपना संगठन न सौंपता।इससे एक बात तो जाहिर है कि ओबैसी के पिता भी हिंदुओं के कत्लेआम में शामिल थे।यह और बात है वह इंसान भी सांसद बना रहा आजाद भारत में और आज उन्हीं का बेटा सांसद हैं असददुद्दीन ओबैसी।
पंडित जी की बेटी इंद्रा गांधी ने भी वही किया भिंडरवाले के साथ।पंजाब के घरेलू राजनीति में अकालियों के प्रभाव को खत्म करने के लिए और कांग्रेस को स्थापित करने के लिए भिंडरवाले का इस्तेमाल किया उन्होंने फैक्ट है यह।
जब उस सांप ने भारत माता के खिलाफ फन उठाया तब नेहरू पुत्री इंद्रा गांधी ने उस फन को कुचल दिया।इंद्रा जी देश हित मे साम, दाम, दंड,भेद सब करना जानती थीं।यह और बात है धोखे में रखकर आस्तीन के उन सांपों ने उन्हें शहीद कर दिया।
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