क्या !
ऐसा नही हो सकता ....
कि.जब भी मिले हम
इस तरह मिलें
ऐसा नही हो सकता ....
कि.जब भी मिले हम
इस तरह मिलें
जैसे मिलाती हैं
अलग अलग दिशाओं में ब्याही
दो सखियाँ
वर्षों बाद किसी मेले में .|
जीवन में बहुत बवाल है
वरना कौन भूलता है बेफिकर दिनो को
आपभी भूले नही होंगे
पर याद नही करते होंगे हरदम
आखिर कौन है इतना फुरसतिहा |
बहुत मार काट है इन दिनों
जिसे देखो वाही धकियाते जा रहा है
एक दूसरे को
ऐसे में महज इतना ही हो
तो भी अच्छा है है
की कम केबाद
जब आप पोंछ रहे हों अपना पसीना
तो बस याद आ जाये
पसीना पोंछता पिता का चेहरा .|
और यह की
दुनिया सिर्फ हमारी बपौती नही है
यहाँ सब को हक़ है जीने का
अपनी पूरी आजादी के साथ |
अलग अलग दिशाओं में ब्याही
दो सखियाँ
वर्षों बाद किसी मेले में .|
जीवन में बहुत बवाल है
वरना कौन भूलता है बेफिकर दिनो को
आपभी भूले नही होंगे
पर याद नही करते होंगे हरदम
आखिर कौन है इतना फुरसतिहा |
बहुत मार काट है इन दिनों
जिसे देखो वाही धकियाते जा रहा है
एक दूसरे को
ऐसे में महज इतना ही हो
तो भी अच्छा है है
की कम केबाद
जब आप पोंछ रहे हों अपना पसीना
तो बस याद आ जाये
पसीना पोंछता पिता का चेहरा .|
और यह की
दुनिया सिर्फ हमारी बपौती नही है
यहाँ सब को हक़ है जीने का
अपनी पूरी आजादी के साथ |
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