Sunday, 20 May 2012

जीवन इतना कठिन है

जीवन इतना कठिन है और कठिन क्यों करना जो कुछ दिया विधाता ने उस में ही खुश रहना तेरे भाग्य में जो भी होगा तय है उसका मिलाना किसी और की चुपड़ी रोटी से फिर क्यों जलना चार दिनों का यह मेला है लेना नहीं झमेला हंसी ख़ुशी से सबसे मिल कर खेल जाओ यह खेला याद रखेगी तुमको दुनिया जब तुम हंस कर जाओगे भाई बन्धु और कुटुंब कबीला दोस्त मित्र हरसाओगे

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