अनहद
Sunday, 18 March 2012
मै कोई तुम्हारी छाया नहीं हूँ
मै कोई तुम्हारी छाया नहीं हूँ जो उजाले में साथ रहे और अँधेरे में गायब हो जाय मै अँधेरे में तुम्हारे अंतस के कोने में बसने वाली हिम्मत हूँ जिसकी जरुरत तुम्हे दिन के उजाले में महशूस ही नहीं होती
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