Saturday, 31 December 2011

शुभकामनायें

सन २०१२ का पहला दिन ,आज रात भर झिम झिम पानी गिरता रहा ,पेड़ पौधे धुल कर धवल हो गए, नवल हो गए, धूल धक्कड़ साफ हो गया है ,खुली हवा में साँस ले रहे है /हम सब भी खुली हवा में साँस लें ,ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ की हम सभी को सदबुद्धि दे ,अपनी क्षुद्र मानसिकताओं से बहार निकल कर खूब सूरत दुनिया को हम खूबसूरत नजरिये से देखना सीखें /"ओं विश्वानि देव सवितर दुरतानि परसुवः इयद भद्रंग च तन्नासुवः /:आज सूर्य की रश्मियाँ नहीं हैं आकाश में बादल हैं फिर भी प्रकाश हो गया है ,ईश्वर सभी के जीवन में नव गति ,नव मति, नव लय ,ताल , छंद नव, सभी को नवल कंठ, नव जलद मंद्ररव नव नभ के नव विहाग ब्रिंद को नव पर नव स्वर दे ,सब का कल्याण हो /:सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यन्तु माँ कश्चिद् दु;खभागभवेत्/"सब हो सुखी सभी समृद्ध हो ,सभी प्रसन्न हो / सारी सीमायें तोड़ कर हम घर समाज राष्ट्र विश्व सभी के कल्याण में लगें /ओं सहना भवतु सहनौ भुनत्तु सह वीर्यं कार्ववाही तेजस्विना बधीतमस्तु महाविदविशावाही / ओं शांति: ओं शांति: शांति:इसी कामना के साथ फेसबुक की रोमांचक वैचारिक यात्रा पर आओ साथ चलें .....हाँ हो सके तो जिम भाग्य शालियों के माता पिता साथ हो वे अपने जनक के चरण स्पर्श अवश्य कर ले इस से दो फायदा तत्काल होगा उन्हें ख़ुशी मिलेगी आप को आशीर्वाद तीसरा लाभ यह होगा की आप की झुकाने की आदत बनी रहेगी और आप पिता के पैरों की फटी वेवैयों को देख कर यह समझ सकेंगे की जिन्दगी उनकी आप से जादा कठिन थी ,फिर भी उन्होंने आप को खूब सूरत दुनिया दी ,जीवन दिया ,धरती पर माता पिता साक्षात् भगवन होते हैं इनका आदर करके आप अपने को सम्मानित ही नहीं करते ईश्वर की कृपा के पात्र हो जाते हैं ..स्वागत नै यात्रा में .... नए संकल्पों के साथ..

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