Wednesday 29 October 2014

अनार को कहीं से काटिए कोई न कोई दाना जरूर कट जाएगा; इस देश में घृणा के लिए कोई स्थान नही

  मैंने प्रायः स्वतंत्रता आन्दोलन के हर उस जाने पहचाने अराजकताबादी या हिंसाबादी के बारे में पढ़ा है और उनकी देश भक्ति से प्रभावित भी हवा हूँ .लेकिन मैंने महशूस किया की हिंसा भारत की समस्याओं का हल नहीं हमारी सभ्यता को रक्षा के लिए एक भिन्न अपेक्षाकृत उच्च आदर्शो वाले हथियार की आवश्यकता है . जो विचार यहाँ रख रहा हूँ वे मेरे हैं भी और मेरे नहीं भी हैं . वे मेरे हैं क्यों की उनके मुताबिक़ आचरण की मैं उम्मीद करता हूँ .वे मेरी आत्मा में बसे हैं .वे मेरे नहीं हैं क्यों की उन्हें मैंने ही नहीं सोचा कुछ किताबें पढ़ने के बाद वे बने हैं .भीतर तक मैं इन्हें महशूस करता हूँ . यह विचारना मेरी ही नहीं .मैं ही नहीं बल्कि वे सारे हिन्दुस्तानी जिन पर पश्चिमी सभ्यता का भूत सवार न हो और जो किसी धर्मांध साम्प्रदायिक संगठन का हिस्सा न बन गए हों .सभी के हैं . आप माने न माने यही विचार अमेरिका और योरप के बहुत से उन लोगों के हैं जो शान्ति और सद्भाव के हिमायती हैं .वह है महात्मा गाँधी का विचार शान्ति का सद्भाव का सहिष्णुता का .बराबरी का सभी के उत्थान का प्रगति का .हमारा देश विभिन्न जातियों समुदायों का एक संगुम्फन है जिसमे हम सभी उसी तरह आपस में एकदूसरे से जुड़े हैं जैसे अनार् के दाने अपनी खोल में एक दूसरे से अलग भी होते हैं और जुड़े भी .अनार को कहीं से काटिए कोई न कोई दाना जरूर कट जाएगा बस इसी तरह ज़रा सी असहिष्णुता हमारे जातीय संस्कारों को लहू लुहान कर देती है , क्षत विक्षत कर देती है सभ्यता और संस्कृति की सारी धरोहर नष्ट नाबूद हो जाती है . हमारे देश में अराजकता के लिए हिंसा के लिए घृणा के लिए तिरस्कार के लिए कोई स्थान नहीं .ह्त्या और अराजकता किसी समस्या का निदान नहीं ...बस हमें तो महात्मा गांधी का चिंतन ही इस देश को बचाए रखने का एक मात्र उपाय दिखाई पड़ता है ....
अभी अभी मोदी जी का जापान दिया वक्तब्य हमारी जातीय संस्कृति को लहू लुहान कर गया .मोदी जी जिस संबिधान की शपथ लेकर आप दुनिया घूम रहे हैं वह धर्मनिरपेक्ष ही है .अब आप उसकी बेज्जती करें घृणा करें उसका कुछ नही बिगड़ता आप के संस्कारों से ही दुनिया परिचित होगी .देश तभी तक है जब तक वह धर्मनिरपेक्ष है ,जिस दिन यह खतंम हवा देश अनगिनत टुकड़ों में बाँट जाएगा .हमारी जातीय संस्कृति के खतरे भी हैं और मजबूती भी . घृणा के लिए इस देश में कोई जगह नहीं .