Saturday 13 June 2015

खंड खंड पाखण्ड में उलझता जा रहा है मेरा देश

खंड खंड पाखण्ड में उलझता जा रहा है मेरा देशदेश धीरे धीरे फंसी बाद के रस्ते चल पडा . हम किस समय में जीने को अभिशप्त हैं / .पहले इन्हों ने हमारी धार्मिक संस्थाओं का सत्या नाश किया /राष्ट्र के नायकों का सत्या नाश किया /सामजिक संस्थाओं का सत्या नाश किया /जाती और सामाज का सत्य नाश अपने आप हो गया/इतिहास को विवादस्पद कहके झूठा बनाया /नया इतिहास फैलाया /देश द्रोहियों को नायक बनाया और नायकों को अपमानित किया/नोट से गाँधी को हटा कर उन्हें सफाई कर्मी बनादिया ./शांति को तलाक /स्त्यग्रह खुद कर लिया वह भी बंगला देश के लिए /कार्पोरेट ब्यापारी देश पर भारी हैं /रुपये की कीमत निरंतर घट रही है /महंगायी रोज बढ़ रही है /समाज उच् श्रीन्खल हो रहा है असहिष्णु हो रहा है /हिंसा बढ़ रही है/साम्प्रदायिक दंगे भड़काए जा रहे हैं /नशा /झूठ फरेब चरम पर है /और अब तो इन्हों ने सेना के मनोबल को तोड़ने के लिए उसकी विश्वसनीयता भी ख़त्म करना शुरू कर दिया /म्यांमार प्रकरण इसी का संकेत है /इसीतरह हुवा तो सैनिक विद्रोह होजायेगा /कश्मीर अरुणाचल पंजाब आतंकियों के कब्जे में है कमोबेस .....यह सब देश में फंसी बाद के आगमन के लक्षन ही नही पक्की सूचना हैं .जर्मनी में हिटलर के कब्जे के दोसाल पहले यही स्थिति थी .खंड खंड पाखण्ड में उलझता जा रहा है मेरा देश