Sunday 23 June 2013

लौट आई मैना भी

लौट आई मैना भी 
कई दिनों बाद आज तीसरे पहर
बगीचे में पौधों को पानी दे रहा था कि
अचानक मेरे सिर पर मंडराई
मानो उसने अपनी पहचान बताई
आज दिखी मेरी मैना ....
पिछले बसंत के बाद उड़ गई थी
अपने दो नन्हे बच्चों के साथ
आज बच्चे साथ नहीं थे /
उसके साथ उसका नया साथी था
मैना बेहद खुश थी ,साथी गंभीर था
मैना चिउं चिउं करते ,अपनी लम्बी पूंछ हिलाते
आम आंवला अमरुद नीबू मधु कामिनी
जूही मधुमालती सभी पर बैठ आई
वह मानो फूली नहीं समां रही थी /
लौट के साथी के पास आई ,
उसके कानो में गुनगुनाई 
यही उसका अपना ठौर है /जहाँ उसने रचा था संसार ...
लौट आई मैना भी ...प्रवासी बच्चे नहीं लौटे ......?

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