Wednesday 22 June 2016

जीवन साथी

सुनो .!
धीरज रखो ..
कुछ भी स्थाई नहीं रहता
सुख नहीं ....तो दुःख भी नहीं !
देखना
एक दिन फिर से
आएँगी खुशियाँ
तब तुम बटोर लेना
अपने आँचल में ...
देखो .
अभी मैं थका नहीं हूँ
तुम पगली जाने क्यों घबडाती हो
चलो इसी बहाने मेरे
आस पास तो मडराती हो .
सुनो!!
दुखी मत हो ..
ज़रा हंसो
तुम नहीं जानती कि
कितनी अच्छी लगाती हो
जब तुम खिलखिला कर हंसती हो .
देखो देखो!!
तुम अपनी बिटिया को देखो
नहीं है श्रृष्टि में कोई इतना सुन्दर फूल
यह मात्र बिटिया ही नहीं
हमारी जीवनी शक्ति है .जो असरदार बना देती है
मेरी कोशिशों को .अपनी मुस्कराहट से.......................

No comments:

Post a Comment