Sunday 17 July 2016

बताइये मैं कौन हूँ हिन्दू या मुसलमान .

दो घटनाएँ .....
.इसे पढ़िए अवश्य.आप के काम भी आ सकता है .उचित समझें तो कमेन्ट भी करे.
*एक .
.मेरा घर बन रहा था .सावन में मोहल्ले की तमाम महिलाएं शिव पूजा करने .४(चार ) किलोमीटर दूर मंदिर जा रही थीं . मेरी पत्नी ने घर का काम रोक कर पास की जमींन में एक शिव मंदिर बनवाया .विधिवत स्थापना हुई .मोहल्ले के हर घर की पारी बाँध दी गयी .मंदिर में पूजा अर्चना होने लगी .मेरा घर तीन महीने देर से बना और उस समय डेढ़ लाख खर्च हुए .पत्नी खुस थीं .भाजपा सरकार आई .संघियों ने मंदिर पर कब्जा कर लिया एक ददुआ के ग्रुप के भगोड़े बन्दा के पंडित को पुजारी बना दिया .विधायक महोदय ने ५००० हजार चन्दा दिया आयोजन हुआ मंदिर का नाम बदल दिया गया शिव के नीचे गर्भगृह में एक दुर्गा बैठा दी गयी. बजरंगोयं ने एक हनुमान भी बैठा दिया .पर अब केवल १० .१५ लोग ही मंदिर जाते हैं .जबरदस्ती मंदिर के मेंतेंनेस के नाम पर उगाही होती है 
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*दो ..

.मैं अभी बीमार पडा .घर में कोई नहीं था.केवल पत्नी और बेटी थी .वे सब दुखी और परेशां न थे . मित्र दोस्तबहुत मदद किये.लगभग 5 डाक्टर मित्रों ने मदद की .संदीप ने रक्त दिया ..मेरे अपने पंहुचे पर देर से .जब मैं डिस्चार्ज हो रहाथा . .दिन में भीड़ रहती थी .पर रात को तीमारदारी कौन करे .मेरा आपरेशन १० जुलाई को हुवा .रात को ११ बजे एक मुस्लिम युवक रुहुल अमीन आया .उसने मेरी थकी पत्नी और बेटी .को घर पंहुचाया और उस दिन से मेरे वापसी तक रोज ११ बजे रात से सुबह ७ बजे तक मेरी तीमार दारी करता रहा दवाइयां देता रहा .सुबह .३ बजे उठ कर सहरी खाता था.रोजा रखता .रात भर मेरे पैर हाथ पीठ सहलाता .मुझे करवट लेना मना था .मेरा ध्यान रखता .सुबह कालेज जाता.वह बी काम एल एल बी के द्वतीय वर्ष का छात्र है . .लौटते वक्त फिर ४ बजे मुझे देखता मेरेलिए मिनरल वाटर लाता .देखता फिर .घर आता रोजा खोलता .मस्जिद जाता दोनों नमाज आता करता और सुबह की सहरी लेकर ११ बजे फिर उपस्थित हो जाता पूरे ८ दिन यही कर्म रहा .
मैं घर आगया हूँ .
बताइये मैं कौन हूँ हिन्दू या मुसलमान .बताइये की ..इंसानियत कहाँ ज़िंदा है ..हिन्दुवों के मंदिरों में या मुसलमानों में .मेरा भारत किसकी वजह से ज़िंदा है .किसकी वजह से दम तोड़ रहा है .

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