Saturday 17 June 2017

खान अब्दुल गफ्फार खान । सीमान्त गांधी ।

खान अब्दुल गफ्फार खान ।
सीमान्त गांधी ।
बलूच बटवारे से दुखी थे ।
वे भारत के साथ रहना चाहते थे ,लेकिन भूगोल ने उन्हें मारा ।
बापूके सच्चे अनुयायी सीमान्त जब आख़िरी बार मिले तो बापू ने खान से कहा - अब भारत का मोह त्याग दो ,अपने देश की सेवा करो ।
यह अंदाजा लगाना आसान नहीं है कि क्या गुजरा होगा दोनों के दिल में ।
वही सीमान्त गांधी पाकिस्तान में ता उम्र कैद रहे ।
69 में भारत की प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरागांधी के विशेष आग्रह पर इलाज के लिए भारत आये।
हवाई अड्डे पर उन्हें लेने श्रीमती गांधी और जे पी गए ।
खान जब हवाई जहाज से बाहर आये तो उनके हाथ में एक गठरी थी जिसमे उनका कुर्ता पजामा था ।
मिलते ही श्रीमती गांधी ने हाथ बढ़ाया उनकी गठरी की तरफ -इसे हमे दीजिये ,हम ले चलते हैं ।
खान साहब ठहरे,बड़े ठंढे मन से बोले -यही तो बचा है ,इसे भी ले लोगी ?
बटवारे का पूरा दर्द खान साब की इस बात से बाहर आ गया ।
जे पी और श्रीमती गांधी दोनों ने सिर झुका लिया ।
जे पी अपने को संभाल नहीं पाये ,उनकी आँख से आंसू गिर रहे थे ।
सबसे निवेदन है खान साहब के बारे में जानो ।

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