Sunday 28 April 2013

anhad - vani: यह ढलने वाला

anhad - vani: यह ढलने वाला: आग हुई चूल्हे की ठंडी अदहन नहीं उबलने वाला
 हर दिन उल्कापिंड गिरते आसमान से हम क्या पाते
 आंधी वाली सुबहे आती चक्रवात खपरैल उड़ाते
 इस सूरज से अब क्या डरना शाम हुई  ढलने वाला है .


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