Tuesday 3 January 2012

अगिन कथा यह पेट की

अगिन कथा यह पेट की

माथा पीटे जनम निहाई
हवा न आये रास
मन के भरम हथौड़ा कूटे
नव बिहान की आस /
खल धौंकनी सांसे भरती
चटके चिनगी भाग
कोयला जले लोहार भट्ठी में
लोहा तापे आग /
सूखी साखों उमर घोसला
लटका जैसे लत्ता
समय छीलती करम कमाई
प्यास बढे अलबत्ता /
पोतना लीपे भूख पेट में
सनसी फोड़े आंख
राख़ चढ़ी अंगारों ऊपर
चिमटा पलटें भाग /
दोनों हाँथो थाम्हे लोढा
कूटें हल्दी गांठ
जस जस हल्दी पिसे सिलौटी
सरसों फूली बाट /
अंचरा बंधे खोंपा खोंसे
चले मटकती कूल्हा
बड़ी चतुर बडकी भौजाई
फूंकनी फूंके चूल्हा /
खरिका बीने दादी नोनी
बाबू बिने निबौरी
सत बहिनी किरणों संग बैठी
दादी बीने दौरी /
लाले गोड़ कनइया
मछरी मारें दुपहर
फटी बेवाई नाहे पाओं
जोंक लिपटती दिन भर /
भोर बोलती मुआ चिरैया
कीचड सनी दुपहरी
सूखी सूखी साँझ निगोड़ी
पलई चढ़ी गिलहरी /
आंटे जैसी गुंथी जिदगी
लोई बेलें रेत की
आँखें धंसी पतालें बैठीं
अगिन कथा यह पेट की /(काल कालौती)

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