जो तुम आ जाते एक बार |
सारी ममता सारे दुलार पथ मे बिछ जाते बार बार
झुक जाती जस्मिन की डाली झर जाते फूले हर सिंगार
सारी ममता सारे दुलार पथ मे बिछ जाते बार बार
झुक जाती जस्मिन की डाली झर जाते फूले हर सिंगार
पुलकित होता सूना आँगन सुरभित होती घर की बयार
जड़ होती इस दिनचर्या मे सिहरन उठती ले के खुमार
जिंदगी कट रही है बड़ी बे वजह मकसद मिलजाता मेरे यार |
जो तुम मिल जाते एक बार जी लेते जीवन कई बार ||
जड़ होती इस दिनचर्या मे सिहरन उठती ले के खुमार
जिंदगी कट रही है बड़ी बे वजह मकसद मिलजाता मेरे यार |
जो तुम मिल जाते एक बार जी लेते जीवन कई बार ||
No comments:
Post a Comment