Tuesday 27 November 2012

मौत तो निश्चित है .



मौत तो निश्चित है ..

आएगी ही

एक दिन दबे पाँव

चुपके से

जब उसका समय आ जाएगा .

सपने अपने सभी

धरे के धरे रह जाएँगे

पुत्र के कंधे से मोक्ष नही मिलने वाला

सब के सब निपोरते रहें अपनी खीस

उपरवाले की लीला मे बड़ा दम है


फिर हमे किस बात का गम है

एक लाख पूत सवा लाख नाती

उस रामन घर दिया न बाती

धृतराष्ट्र के सौ प...

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