दीप ने तिल तिल जलाई रात भर अपनी जवानी
और वह बलिदान ही लाया सुबह इतनी सुहानी |
किंतु इस बलिदान क प्रतिदान किसको क्या मिला?
कौन सी पीढ़ी करेगी ख़त्म सारा सिलसिला ?
दूर के संसार मे संभावना उजली हुई
लक्ष की शिव साधना जड़ मूल से बदली हुई |
जिजीविषा के ज्वर से है याद आई आप की
लग रही है कट गयी काली निशा संताप की |
ले सकें तो आप भी मेरी बधाई लीजिए
संसार से आँधियार को अंतिम विदाई दीजिए |
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