Friday 9 November 2012

दीप ने तिल तिल जलाई रात भर अपनी जवानी और वह बलिदान ही लाया सुबह इतनी सुहानी | किंतु इस बलिदान क प्रतिदान किसको क्या मिला? कौन सी पीढ़ी करेगी ख़त्म सारा सिलसिला ? दूर के संसार मे संभावना उजली हुई लक्ष की शिव साधना जड़ मूल से बदली हुई | जिजीविषा के ज्वर से है याद आई आप की लग रही है कट गयी काली निशा संताप की | ले सकें तो आप भी मेरी बधाई लीजिए संसार से आँधियार को अंतिम विदाई दीजिए |

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