Tuesday 27 November 2012

अपने बीज को ..

अपने बीज को ..
अनुकूल मौसम मे
सौंप दी थी पूरी धारा |
उगेगा ,बढ़ेगा
धरती को, राही को
छाया देगा |
उगा ,बढ़ा ,फैला भी
मोहक ,आकर्षक
विशाल आकर मे
पूरा पेड़ बनाकर छा गया |

इतना की हमारे हिस्से की
अन्जुरी भर धूप
को भी ग्रहण लग गया |
फल और छाया तो दूर
वह तो रोशनी भी ले गया |

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