अनहद
Tuesday, 18 December 2012
नींद की खुमारी है
प्यार न दिल लगी है न सपना है
खूबसूरत एहसास है और अपना है
सुबह की सबनम है .फैलती हुई धूप है
संझा की लॉरी है नींद की खुमारी है
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