Tuesday, 18 December 2012

हनुमानजी की पूजा

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हनुमानजी की पूजा के दौरान इस मंत्र को

पढ़ते हुए उनसे क्षमा-प्रार्थना करना

चाहिए-

मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |

यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे||

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हनुमानजी की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते

हुए सुवर्णपुष्प समर्पण करना चाहिए-

वायुपुत्र ! नमस्तुभ्यं पुष्पं सौवर्णकं प्रियम्|

पूजयिष्यामि ते मूर्ध्नि नवरत्न समुज्जलम् |

हनुमानजी की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते

हुए उन्हें ऋतुफल समर्पण करना चाहिए-

फ़लं नानाविधं स्वादु पक्वं शुद्धं

सुशोभितम् |

समर्पितं मया देव गृह्यतां कपितं॥

इस मंत्र को पढ़ते हुए पवनपुत्र हनुमानजी

को सिन्दूर समर्पण करना चाहिए-

दिव्यनागसमुद्भु तं सर्वमंगलारकम् |

तैलाभ्यंगयिष्या मि सिन्दूरं गृह्यतांप्रभो ||

अंजनीपुत्र हनुमान की पूजा करते समय

इस मंत्र के द्वारा उन्हें पुष्पमाला समर्पण

करना चाहिए-

नीलोत्पलैः कोकनदैः कह्लारैः कमलैरपि|

कुमुदैः पुण्डरीकैस्त्वा ं पूजयामि कपीश्वर |
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