Tuesday 18 December 2012

समाप्त हो गया उसका भय ....!!

बे तरतीब आदम कद
बबूल और झरबेरियों के
घने जंगल
वह भाग रही है
पैरों को सर पर धरे
घंटों घडियालों की चीख पुकार
और अजान की आवाज
उसका पीछा कर रहे हैं
भागती रही वह बेतहाशा ..आधी रात को
बहुत से घंटों की चीख बहुत से घडियालों की पुकार
बहुत सी अजानो की आवाज
कुछ और चीख कुछ और पुकार
कुछ और अजान की आवाज
उसका पीछा कर रहे थे ,
पैरों और भुजाओं से लहू बहता रह
लड़की हांफ रही थी ,
फिर वह लड़खड़ाई और गिरी ..
समाप्त हो गया उसका भागना
समाप्त हो गया उसका भय ....!!
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