हे सूरज ज़रा आज तू पास आ .
आज सपनो की महफ़िल
लगाएँगे हम .
ये बादल ज़रा तू भी आ पास आ .
सात रंगो की दुनिया
बनाएँगे हम
ये हवा गुनगुना ,
हे गगन मुस्करा
आज जी भरके जीवन
सजाएँगे हम!
अभी वह सोच ही रही थी
की दरिंदो उसे नोच खाया ..
लड़की लहू लुहन हो गयी
तन से भी और मन से भी
सूरज काला हो गया
सपने जीते जी
नरक मे तब्दील हो गये .......
..जिंदगी अपाहिज हो गयी
संसद मे और सड़कों पर
खूब शोर हुवा
हाथी आया ,हाथी आया
क्या हुवा क्या होगा
कुछ नही
अपन वायु निकली भों से ...
लड़की मर गयी ||
आज सपनो की महफ़िल
लगाएँगे हम .
ये बादल ज़रा तू भी आ पास आ .
सात रंगो की दुनिया
बनाएँगे हम
ये हवा गुनगुना ,
हे गगन मुस्करा
आज जी भरके जीवन
सजाएँगे हम!
अभी वह सोच ही रही थी
की दरिंदो उसे नोच खाया ..
लड़की लहू लुहन हो गयी
तन से भी और मन से भी
सूरज काला हो गया
सपने जीते जी
नरक मे तब्दील हो गये .......
..जिंदगी अपाहिज हो गयी
संसद मे और सड़कों पर
खूब शोर हुवा
हाथी आया ,हाथी आया
क्या हुवा क्या होगा
कुछ नही
अपन वायु निकली भों से ...
लड़की मर गयी ||
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