आग हुई चूल्हे की ठंडी अदहन नहीं उबलने वाला
 
हर दिन उल्कापिंड गिरते आसमान से हम क्या पाते
 
आंधी वाली सुबहे आती चक्रवात खपरैल उड़ाते
 
इस सूरज से कुछ मत मांगो शाम हुई यह ढलने वाला
हर दिन उल्कापिंड गिरते आसमान से हम क्या पाते
आंधी वाली सुबहे आती चक्रवात खपरैल उड़ाते
इस सूरज से कुछ मत मांगो शाम हुई यह ढलने वाला
भाव पूर्ण !!
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