Tuesday 15 November 2011

 मित्रों समय निरंतर गति शील है ,काल का प्रवाह कभी नहीं रुकता पानी  के  बहाव के बिपरीत तैरना कठिन है ,सभी दौड़ना जानते है पर सभी ओलम्पिक नहीं जाते ,सभी चलते है पर मंजिल तक सभी नहीं जानते ,समसामयिक  होना,/समय से मुठभेड़ करना/समय को दिशा देना /तीन स्थितियां हैं /कल की इस दुर्दमनीय धरा में जो भी अप्रासंगिक होगा विनिष्ट हो जायेगा /संस्कृति सूक्ष्म और परिवर्तन शील है /सभ्यता आभिजात्य के नविन वस्त्रविन्यास धारण कर रही है/सभ्यता तकनीकी जड़ता ,यांत्रिकता की ओर और संस्कृति सूक्ष्म से स्थूल की ओर जा रही है /फिर  भी जो लोकिक नहीं आभिजात्य नहीं / मित्रों समय निरंतर गति शील है ,काल का प्रवाह कभी नहीं रुकता पानी  के  बहाव के बिपरीत तैरना कठिन है ,सभी दौड़ना जानते है पर सभी ओलम्पिक नहीं जाते ,सभी चलते है पर मंजिल तक सभी नहीं जानते ,समसामयिक  होना,/समय से मुठभेड़ करना/समय को दिशा देना /तीन स्थितियां हैं /कल की इस दुर्दमनीय धरा में जो भी अप्रासंगिक होगा विनिष्ट हो जायेगा /संस्कृति सूक्ष्म और परिवर्तन शील है /सभ्यता आभिजात्य के नविन वस्त्रविन्यास धारण कर रही है/सभ्यता तकनीकी जड़ता ,यांत्रिकता की ओर और संस्कृति सूक्ष्म से स्थूल की ओर जा रही है /फिर  भी जो लोकिक नहीं आभिजात्य नहीं / मित्रों समय निरंतर गति शील है ,काल का प्रवाह कभी नहीं रुकता पानी  के  बहाव के बिपरीत तैरना कठिन है ,सभी दौड़ना जानते है पर सभी ओलम्पिक नहीं जाते ,सभी चलते है पर मंजिल तक सभी नहीं जानते ,समसामयिक  होना,/समय से मुठभेड़ करना/समय को दिशा देना /तीन स्थितियां हैं /कल की इस दुर्दमनीय धरा में जो भी अप्रासंगिक होगा विनिष्ट हो जायेगा /संस्कृति सूक्ष्म और परिवर्तन शील है /सभ्यता आभिजात्य के नविन वस्त्रविन्यास धारण कर रही है/सभ्यता तकनीकी जड़ता ,यांत्रिकता की ओर और संस्कृति सूक्ष्म से स्थूल की ओर जा रही है /फिर  भी जो लोकिक नहीं आभिजात्य नहीं /

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