Thursday 17 November 2011

 ॐ सहना भवतु सहनौ भूनात्तु सह वीर्यंम  करवा वाही
तेजस्विना बधीतमस्तु महाविद्विशावाही
ॐ असदो माँ सद गमय;,तमसो  माँ ज्योतिर्गमय
;मिर्त्योरमा  अमृतं गमय;
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः    ;

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