Saturday 19 November 2011

 आज भारतीय पुरातत्व विभाग के रायपुर कार्यालय द्वारा आयोजित विश्व प्रदाय संरक्षण सप्ताह के कार्य कर्मो का प्रारंभ  रतनपुर  के एतिहासिक स्थल हाथीकिला के विशाल परिसर में संपन्न हुआ /आयोजन ब्यवस्थित .तथा सुरुचि पूर्ण था ,मकसद था भावी पीढ़ी को अपने धरोहरों से परिचित करना और उनके संरक्षण की भावना से जोड़ना, मुझे मुख्य वक्ता के रूप में बच्चो तथा उपस्थित जन को संबोधित करने का अवसर मिला /अपनी धरोहर को हम दो तरीके से संरक्षित करने में सहायता कर सकते कई ,सक्रियता से/और तटस्थता से /हम दूसरो को संरक्षण करने केलिए भी प्रेरित कर सकते है /या फिर कम से कम इतना तो कर ही सकते है की कोई नुकसान हम खुद न करे,/पुरातत्वधरोहरोंकी   रक्षा की कहानी ,,कल आज और कल की कहानी है /हम कल नहीं थे कल नहीं रहेंगे /हमारी धरोहर भी कल थे  कल नहीं रहेंगे किन्तु यदि आज उनका संरक्षण करदिया जाय तो संस्कृति को बिलुप्त होने से बचाया जा सकता है /आयोजम अपने मकसद में सफल रहा ,प्रदर्शनी पाँच दिन चलेगी /

No comments:

Post a Comment