Tuesday 22 November 2011

बादल

बादल
अम्मा जरा देख तो ऊपर, चले आ रहे हैं बादल/
भांति भांति के रूप सजाये, धौंरे कजरारे बदल /
हर किसान की मधुर कल्पना ,पपीहे की पुकार बदल /
दौड़ लगाते हैं आकाश में ,चढ़े  हवा के रथ बादल /
पुरवैया पर झूला झूलें , शोर मचाते ये बादल/
धूम धड़का कड़क तड़क कर ,हमे डरते ये बादल/
हरी हो रही सूखी धरती, खुशियों की बहार बादल/
नन्ही नन्ही जल की बूंदे, लेकर आये ये बादल /
ताल तलैया सब भर जाये ,जम कर जब बरसे बादल/
झड़ी झर रही बीर बहूटी ,मोती बिखरते बादल /,
नाप डालते नभ का कोना, जब सर पट  भागें बादल/
इंद्र धनुष की छटा बिखेरें, सतरंगी प्यारे बादल/
जलती और तपती धरती की, प्यास बुझायें ये बादल/
नियति नटी की नवल कल्पना .खुशियों की फुहार बादल/
गवरैया के नवल घोसलें में चूँ चूँ चीं चीं बादल /
झूम रहे हैं बाग़ बगीचे ,हरा हो गया है सिवान/
गली गली और गाँव गाँव में खुशियाँ बिखराते  बादल /
अम्मा जरा देख तो ऊपर, कैसे नट खट ये बादल /  

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