Saturday 17 December 2011

रूस में गीता पर प्रति बांध की आशंका ;हमारी सोच ;..

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रूस के तोमास्क की अदालत में इस वर्ष जून से यह मुकदमा चल रहा है /इस मामले में इस्कान के संस्थापक ए.सी .भक्ति वेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारा भगवदगीता एज इट इज पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग उक्त कोर्ट से की गई है और कहा गया है की यह सामाजिक कलह फ़ैलाने वाला ग्रन्थ  है अतः रूस में इसके वितरण पर प्रतिबन्ध लगाया जाय /इसे अवैध घोषित किया जाय /रूस में बसे १५००० भारतीय और इस्कान के अनुयाई प्रधान मंत्री से हस्तक्षेप्  की मांग कर रहे हैं /भारत में भी हिदू  धर्मावलम्बी चिंतित हैं ,सरकार की नाकामी कहकर कुछ समाचार भी आ रहे है /यह  है हमरी मानसिकता /हम खुद या हम में से कोई एक गन्दा करे हम सब मिलकर प्रधान मंत्री को दोष दें /प्रधान मंत्री न हुए
सफाई  कर्मी हो गए/ जब इस्कान के ही प्रभुपाद ने मुकदमा दायर किया तो रूस और भारत क्या करे /आप को पीड़ा हो रही है तो प्रभुपाद को क्यों नहीं कुछ बोलते /वहां तो हिम्मत भी नहीं है और बोलेंगे क्या चोर चोर मौसेरे भाई ,सारे मिलकर  समस्या खड़ी करते हैं सारे मिलकर सरकार को दोष देते हैं / सारे मिलकर आन्दोलन करते है ,,वह रे हमारी सोच... गुंडे को सलाम गुंडई सरकार रोके  ..सामान्य लोग इस षड्यंत्र को कब समझेंगे ... 

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