Thursday 15 December 2011

हठ कर बैठा चाँद

हठ कर बैठा चाँद
एकदिन जब उसका मन डोला
रो रो कर अपनी मम्मी से तब उसने यह बोला
सिल्वा दो माँ मुझे ऊन का मोटा एक झिंगोला /
आसमान के सारे तारे कहते हैं सब मुझसे
तेरी मम्मी प्यार करे ना चंदा भैया तुमसे /
जाड़े में सब लोग पहनते मोटा मोटा कपडा
फिर भी नंगे रहते होतुम बोलो क्या है लफडा /
सन सन करती हवा रात भर जाड़े से मरता हूँ
ठिठुर कर किसी तरह यात्रा पूरी करता हूँ /
मुझे चाहिए ब्रेंडएड कपडे चलो मॉल से लूँगा
उन्हें पहन कर आज रात को सब को उत्तर दूंगा/
सुन चंदा की बात कहा मम्मी ने अरे सलोने
कुशल करें भगवान,लगे मत तुझको जादू टोने /
आज दिला दूँगी मै तुझको कपडे अच्छे अच्छे
चल प़ीले अपना दूध और हठ कर ना मेरे बच्चे/

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