Tuesday 20 December 2011

रूस में गीता पर प्रति बांध की आशंका ;हमारी सोच ;......वह रे मिडिया वह रे देश वह रे संसद वह रे नेता ,,,,...

रूस में गीता पर प्रति बांध की आशंका ;हमारी सोच ;......वह रे मिडिया वह रे देश वह रे संसद वह रे नेता ,,,,...
रूस के तोमास्क की अदालत में इस वर्ष जून से यह मुकदमा चल रहा है /इस मामले में इस्कान के संस्थापक ए.सी .भक्ति वेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारारचित भगवदगीता एज इट इज पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग उक्त कोर्ट से की गई है और कहा गया है की यह सामाजिक कलह फ़ैलाने वाला ग्रन्थ है अतः रूस में इसके वितरण पर प्रतिबन्ध लगाया जाय /इसे अवैध घोषित किया जाय / गीता पर प्रतिबन्ध की बात नहीं की गई है /बिना समझे ही हम उद्दिग्न होते हैं /मान नीया परम आदरणीय सुषमा स्वराज्य को क्या कंहू दो कदम और आगेहो कर गीता को राष्ट्रीय पुस्तक घोषित करने की मांग कर बैंठी /आप जब फील गुड कर रहीं थी तब क्यों नहीं किया बहन जी / रूस में बसे १५००० भारतीय और इस्कान के अनुयाई प्रधान मंत्री से हस्तक्षेप् की मांग कर रहे हैं /भारत में भी हिदू धर्मावलम्बी चिंतित हैं ,सरकार की नाकामी कहकर कुछ समाचार भी आ रहे है /यह है हमरी मानसिकता /हमारे मिडिया को तो जोक्पल मिलगया //बहती गंगा में कोई बाइबिल पर प्रति बन्ध की बात कर रहा है /कोई सभी को भड़का रहा है /मिडिया और गैर जिम्मेदार है /उसे चाहिए की सही बात पता करे /
आप को पीड़ा हो रही है तो प्रभुपाद को क्यों नहीं कुछ बोलते / उन्होंने वह ब्याख्या क्यों की उसका तर्क क्या है /तिलक/राधा कृष्णन/गाँधी जी आदि कईयों ने गीता का भाष्य किया है /पर प्रभुपाद ने ऐसा क्या किया उन्हें देश को बताना चाहिए वहां तो हिम्मत भी नहीं है और बोलेंगे क्या चोर चोर मौसेरे भाई ,सारे मिलकर समस्या खड़ी करते हैं सारे मिलकर सरकार को दोष देते हैं /असल में प्रभुपाद की ब्याख्या .भगवद गीता एज इट इज के प्रतिबन्ध की मांग की गई है मुक़दमे में /गीता पर नहीं/सारे मिलकर आन्दोलन करते है ,,वह रे हमारी सोच... गुंडे को सलाम गुंडई सरकार रोके ..सामान्य लोग इस षड्यंत्र को कब समझेंगे .प्रति बन्ध की मांग गीता की उसब्याख्या पर है जो प्रभुपाद ए.सीभक्ति वेदांत .जी ने की है / पुस्तक गीता पर नहीं / उसको समझिये और अफवाहों से सावधान रहिये ,
आप को पीड़ा हो रही है तो प्रभुपाद को क्यों नहीं कुछ बोलते /वहां तो हिम्मत भी नहीं है और बोलेंगे क्या चोर चोर मौसेरे भाई ,सारे मिलकर समस्या खड़ी करते हैं सारे मिलकर सरकार को दोष देते हैं / सारे मिलकर आन्दोलन करते है ,,वह रे हमारी सोच... गुंडे को सलाम गुंडई सरकार रोके ..सामान्य लोग इस षड्यंत्र को कब समझेंगे ...

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