Friday 23 December 2011

उतनी खुसी हमारे जीवन में /

सुनो दुखी मत हो .
हौसला रखो
.देखना .
हम जीत ही जायेंगे
एक दिन ./
बस हाथ पकड़ी रहो .
थोडा मुस्कराते रहो/
हम ने पढ़ा है .
दुःख सब को मांजता है/
फिर से लौट कर आयंगी बहारें
तब तुम पलकों पर सहेज कर
धीरे से उतार लेना उन्हें जीवन में /
हम  थके नहीं हैं ,
हमारी उम्र भी थकने की नहीं है अभी /
तुम पगली न जाने क्यों घबराती हो
चलो यह भी एक हिसाब  से अच्छा ही है /
इसी बहाने मेरे आस पास तो रहती हो ,
लेकिन छोडो यह सब
जरा जोर से खिल खिला कर हंसो/
 तुमको मालूम नहीं
तुम कितनी अच्छी लगती हो जब
जब खिल खिला कर हंसती हो /
एक बात कहूं ,सच मानोगी ?
जितनी हंसी तुम्हारे ओंठों पर
उतनी  खुसी हमारे जीवन में /

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